Wednesday, April 18, 2018

*अक्षय तृतीया* *अक्षय तृतीया का महत्त्व*

*अक्षय तृतीया*
*अक्षय तृतीया का महत्त्व*
👉 *अक्षय* का अर्थ जिसका क्षय न हो अर्थात अविनाशी, इसलिए अक्षय तृतीया के दिन कोई भी शुभ कार्य करें, परोपकार करें, नाम जप करें, भक्ति करें, सत्संग वो हमेशा के लिए अविनाशी हो जाता है; परन्तु ध्यान रहें कि यदि कोई पाप करे या निंदा या कुसंगत करें वो भी अक्षय हो जाता है 🎗
👉 आज ही के दिन माँ गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था 🌲
👉 महर्षि परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था 🌷
👉 माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था 🌲
👉 द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था 🌷
👉 कृष्ण और सुदामा का मिलन आज ही के दिन हुआ था 🌲
👉 कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था 🌷
👉 सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था 🌲
👉 ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था 🌷
👉 प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है 🌲
👉 वृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्री विग्रह के चरणों के दर्शन होते है अन्यथा साल भर वो वस्त्र से ढके रहते है 🌷
👉 आज ही के दिन जतिपुरा में श्रीनाथ जी के मंदिर की नींव रखी गई थी 🌲
👉 आज से श्रीनाथ जी को ग्रीष्मकालीन श्रृंगार धराए जाते हैं 🌷
👉 अक्षय अर्थात जिसका क्षय न हो - इस दिन किया गया कोई भी पुण्य कर्म या पाप कर्म का क्षय नहीं होता इसलिए जितना हो सके उतना नाम जप करें, पुण्य करें और पाप करने से पहले हजार बार सोचें 🌲
👉 इसी दिन युधिष्ठिर का राज्याभिषेक हुआ था 🌷
👉 अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है 🌲

इन हिंदी कहावतों के स्थान पर संस्कृत की सूक्ति बोलें।

 इन हिंदी कहावतों के स्थान पर संस्कृत की सूक्ति बोलें। 1. अपनी डफली अपना राग - मुण्डे मुण्डे मतिर्भिन्ना । 2. का बरखा जब कृषि सुखाने - पयो ग...