संस्कृत के उपसर्ग
आ – तक, ओर, समेत, उल्टा, सीमा, कमी, विपरीत आकर्षण, आकर, आभार, आशंका, आवेश, आचरण
उत्, उद – ऊँचा, श्रेष्ठ उत्कर्ष उत्पल, उल्लेख, उत्साह, उत्थान, उत्पात
उप – निकट, सदृश, सहायक, हीनता उपकार, उपभेद, उपनिवेश, उपनाम, उपरांत
दुर, दुस् – बुरा, कठिन, दुष्ट, हीन दुबल, दुलभ, दुष्कम, दुखद, दुष्प्राप्य, दु:सह, दुरवस्था, दुर्दमनीय, दुस्साहस
नि-भीतर, नीचे, बाहर, अतिरिक्त निदेशक, निदान, निपात, निगम, निरूपा, निखर
निर्, निस्–बाहर, निषेध, रहित निर्बल, निराकरण, निरपराध, निर्भर
परा-पीछे, उलटा, अनादर, नाश पराजय, पराभव, पराधीन, पराजित
प्र-अधिक, आगे, ऊपर, यश प्रकाश, प्रख्यात, प्रचार, प्रयोग, प्रसार, प्रकट, प्रवाह, प्रबल, प्रगति, प्रताप, प्रपंच, प्रलाप, प्रभुता
प्रति-विरुद्ध, सामने, बराबरी, प्रत्येक प्रतिकूल, प्रतिकार, प्रतिदान, प्रत्यर्पण, प्रतिद्वंद्वी, प्रतिशोध, प्रतिरोधक
वि – भिन्न, आभाव, विशेष, हीनता, असामनता विभाग, विवाह, विमुख, विनय, विभिन्न, विहार, विश्राम
सम् – अच्छा, साथ, संयोग संगम, संग्रह, संजय, संस्कार, संदेह, संसर्ग, संग्राम, संचालन
सु – अच्छा, अधिक, सुन्दर, सुखी सुगठित, सुहाग, सुकर्म, सुकृत, सुखद, सुभाषित, सुकवि, सुरभि, सुलभ
अध, अधस् – नीचे आधा अधजल, अधोगति, अध्स्थल
अ, अन् – अभाव, निषेध अज्ञान, अलग, अनजान, अनमोल, अनेक, अनिष्ट, अथाह, अनाचार, अलौकिक
अति – अधिक, उस पार, ऊपर अतिकाल, अतिरिक्त, अतिशय, अत्यंत
अधि – ऊपर, स्थान में श्रेष्ठ, सामीप्य अधिकरण , अधिकार, अधिपाठक, अधिग्रहण, अधिवक्ता, आधिक्य
अनु-पीछे, पश्चात्, क्रम, समानता अनुकरण, अनुग्रह, अनुचर, अनुज, अनुपात,अपकर्ष,
अप – बुरा, हीन, विरुद्ध, अभाव अपकीर्ति, अपभ्रश, अपमान, अपव्यय, अपवाद
अभि – ओर, पास, सामने, इच्छा प्रकट करना अभिसार, अभ्यागत, अभ्यास, अभ्युदय, अभिषेक, अभिनय, अभिभावक, अभियान
18 पुराणों के नाम और उनका संक्षिप्त परिचय 18 mahapurans all maha purans hindi.shrimad bhagwatall maha purans hindi.shrimad bhagwat.all sanskrit ki jankari , sabhi sanskrit
Thursday, August 24, 2017
संस्कृत के उपसर्ग
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Bharat mein Sanskrit Gurukul kaafi mahatvapurn
Bharat mein Sanskrit Gurukul kaafi mahatvapurn hain, kyunki yeh paramparik Sanskrit shikshan aur Hindu dharmik sanskriti ko sambhalne aur a...
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१८ पुराण के नाम और उनका महत्त्व महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित 18 पुराणों के बारें में पुराण अठारह हैं। मद्वयं भद्वयं चैव ब्रत्रयं...
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स्वस्तिवाचन स्वस्तिवाचन (स्वस्तयन) मन्त्र और अर्थ-- हमारे देश की यह प्राचीन परंपरा रही है कि जब कभी भी हम कोई कार्य प्रारंभ करते है, तो उस...
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आख्यानपरक लेखन आख्यायिका का अर्थ की विशेषताएँ बताइए आख्यानपरक लेखन की विशेषताएं बताइए आख्यान meaningआख्यान आख्यान शब्द आरंभ से ही सामान्यत: कथा अथवा कहानी के अर्थ में प्रयुक्त होता रहा है। तारानाथकृत " वाचस्पत्यम् ...
Good
ReplyDeleteSanskrit me upsharag kay name
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