What do you understand by Gurukul.
गुरुकुल से आप क्या समझते हैं?
'गुरुकुल' का शाब्दिक अर्थ है 'गुरु का परिवार' अथवा 'गुरु का वंश'। परन्तु यह सदियों से भारतवर्ष में शिक्षासंस्था के अर्थ
में व्यवहृत होता रहा है। गुरुकुलों के इतिहास में भारत की शिक्षाव्यवस्था और
ज्ञानविज्ञान की रक्षा का इतिहास समाहित है
ऐसे विद्यालय जहाँ विद्यार्थी अपने
परिवार से दूर गुरु के परिवार का हिस्सा बनकर शिक्षा प्राप्त करता है। भारत के
प्राचीन इतिहास में ऐसे विद्यालयों का बहुत महत्व था। प्रसिद्ध आचार्यों के
गुरुकुल में पढ़े हुए छात्रों का सब जगह बहुत सम्मान होता था। राम ने ऋषि वशिष्ठ
के यहाँ रह कर शिक्षा प्राप्त की थी।
गुरुकुल का अर्थ
प्राचीन काल में शिक्षक को ही गुरु या आचार्य मानते थे और वहां शिक्षा प्राप्त
करने वाले विद्यार्थियों को उसका परिवार माना जाता था।
प्राचीन काल में शिक्षक को ही गुरु या आचार्य मानते थे और वहां शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को उसका परिवार माना जाता था। गुरुकुल के छात्रों को लिए आठ साल का होना अनिवार्य था और पच्चीस वर्ष की आयु तक लोग यहां रहकर शिक्षा प्राप्त और ब्रह्मचर्य का पालन करते थे
गुरुकुल शिक्षा के क्या फायदे हैं?
गुरुकुल शिक्षा प्रणाली
में बच्चे अपने घर से दूर गुरुकुल में
रहते हैं जिससे
बच्चों और गुरु के मध्य परस्पर अधिक विश्वास रहता है। ...
गुरुकुल में बच्चों को बुजुर्गों के प्रति
सम्मान, सभ्यता
संस्कृति, शिष्टाचार, आदि के
विषय में ज्ञान दिया जाता है।
गुरुकुल में बच्चों में आपसी प्रेम, विश्वास
रहता है।
गुरुकुल में दाखिले के लिए छात्रों की आयु तक छ:
साल से लेकर बारह वर्ष की होना अनिवार्य था ! शिक्षा के साथ साथ ब्रह्मचर्य का
पालन करना, अनुशासन
का पालन करना सिखाया जाता था। छात्रो को अपने पसंद के काम के काम को सिखाने का
अवशर दिया जाता था !
गुरुकुल में कितने वर्ष तक रहे?
गुरुकुल में रहने की पद्धति में आया
बदलाव
प्राचीन समय में 12 से
15 वर्ष तक विद्यार्थी गुरूकुल में रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे, पर आज
एक, दो या
पांच वर्ष तक ही गुरू
के पास रहकर शिष्य वेद, पुराण व
शास्त्रों का अध्ययन कर रहे है, पर इनकी संख्या गिनती के है।
गुरुकुल में कितने साल के बच्चे का एडमिशन होता है?
9 से 11 साल की उम्र के बच्चों को
दाखिला दिया जाता है. कैसे होता है दाखिला: आचार्यकुलम में दाखिले के लिए पहले
परीक्षा होती है. उसके बाद ही बच्चे का सेलेक्शन किया जाता है.
भारत में गुरुकुल क्यों बंद हुए?
भारत की देशी शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने
के उद्देश्य से ही सन 1858 में भारतीय एजुकेषन एक्ट की रूपरेखा बनाई गई थी जिसके
अनुसार कान्वेंट स्कूल और इस्लामिक मदरसे तो चलाये जाएंगे पर सनातनी गुरुकुल और
संस्कृत भाषा खत्म किये जायेंगे।
गुरुकुल स्कूल से बेहतर क्यों है?
गुरुकुल प्रणाली में छात्रों
को योग की विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण देकर उनकी मस्तिष्क शक्ति को मजबूत किया
जाता था, जो
वैज्ञानिक रूप से याददाश्त बढ़ाने और मस्तिष्क को तेज करने के लिए सिद्ध हैं। इस तरह
की अच्छी तरह से रखी गई नींव ने उन्हें ज्ञान को प्रभावी ढंग से समझने, बनाए
रखने और नियोजित करने में मदद की।
छात्रों को गुरुकुल में क्यों छोड़ा जाता है?
सही उत्तर 'कठोर
अनुशासन का पालन करने सीखें जिससे उनमें सुसंस्कार और सद्वृत्तियाँ पोषित हों' है। 'कठोर
अनुशासन का पालन करने सीखें जिससे उनमें सुसंस्कार और सद्वृत्तियाँ पोषित करने के
लिए छात्रों
को गुरुकुल में छोड़ा जाता है।
गुरुकुल में कौन से विषय पढ़ाए जाते थे?
बौद्धकाल में बुद्ध, महावीर
और शंकराचार्य की परंपरा से जुड़े गुरुकुल जगप्रसिद्ध थे, जहां
विश्वभर से मुमुक्षु ज्ञान प्राप्त करने आते थे और जहां गणित, ज्योतिष, खगोल, विज्ञान, भौतिक
आदि सभी तरह
की शिक्षा दी जाती थी।
अंग्रेजों से पहले भारत में कितने
गुरुकुल थे?
इंग्लैंड में पहला स्कूल 1811 में खुला
उस समय भारत में 7,32,000
गुरुकुल थे ,
आइए जानते हैं हमारे गुरुकुल कैसे बन्द हुए । हमारे सनातन
संस्कृति परम्परा के गुरुकुल में क्या ...
उस समय भारत में 732000 गुरुकुल थे।
गुरुकुल एक आवासीय स्कूली शिक्षा प्रणाली थी जिसकी उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप में लगभग
5000 ईसा पूर्व
हुई थी।
भारत में सबसे प्रसिद्ध गुरुकुल कौन सा
है?
70 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, श्री
स्वामीनारायण गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल ने भारत में सर्वश्रेष्ठ गुरुकुल में से एक
के रूप में एक ठोस प्रतिष्ठा बनाई है।
गुरुकुल में शिक्षा का केंद्र बिंदु
क्या था?
गुरुकुल शिक्षा प्रणाली में बच्चे
अपने घर से दूर गुरुकुल में रहते हैं जिससे बच्चों और गुरु के मध्य परस्पर अधिक
विश्वास रहता है। बच्चे पूर्णता घर से दूर होने के कारण अपने गुरु की बात मानते
हैं। गुरुकुल में बच्चों को बुजुर्गों के प्रति सम्मान, सभ्यता
संस्कृति, शिष्टाचार, आदि के
विषय में ज्ञान दिया जाता है।
No comments:
Post a Comment