महाभारत के पात्र
अभिमन्यु : अर्जुन के वीर पुत्र जो कुरुक्षेत्र युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुये।
अम्बा : शिखन्डी पूर्व जन्म में अम्बा नामक राजकुमारी था।
अम्बिका : विचित्रवीर्य की पत्नी, अम्बा और अम्बालिका की बहिन।
अम्बालिका: विचित्रवीर्य की पत्नी, अम्बा और अम्बिका की बहिन।
अर्जुन : देवराज इन्द्र द्वारा कुन्ती एवं पान्डु
का पुत्र। एक अतुल्निय धनुर्धर जिसको श्री कृष्ण ने श्रीमद् भगवद् गीता का उपदेश
दिया था।
बभ्रुवाहन : अर्जुन एवं चित्रांग्दा का पुत्र।
बकासुर : महाभारत काव्य में एक असुर जिसको भीम ने
मार कर एक गांव के वासियों की रक्षा की थी।
भीष्म : भीष्म का नामकरण देवव्रत के नाम से हुआ
था। वे शान्तनु एवं गंगा के पुत्र थे। जब देवव्रत ने अपने पिता की प्रसन्नता के
लिये आजीवन ब्रह्मचारी रहने का प्रण लिया, तब से उनका नाम भीष्म हो गया।
द्रौपदी : द्रुपद की पुत्री जो अग्नि से प्रकट हुई
थी। द्रौपदी पांचों पांड्वों की अर्धांगिनी थी और उसे आज प्राचीनतम् नारीवादिनियों
में एक माना जाता है।
द्रोण : हस्तिनापुर के राजकुमारों को शस्त्र
विद्या देने वाले ब्राह्मण गुरु। अश्व्थामा के पिता। यह विश्व के प्रथम
"टेस्ट-टयूब बेबी" थे। द्रोण एक प्रकार का पात्र होता है।
द्रुपद : पांचाल के राजा और द्रौपदी एवमं धृष्टद्युम्न के पिता। द्रुपद और द्रोण
बाल्यकाल के मित्र थे!
दुर्योधन : कौरवों में ज्येष्ठ। धृतराष्ट्र एवं
गांधारी के १०० पुत्रों में सबसे बड़े।
दुःशासन : दुर्योधन से छोटा भाई जो द्रौपदी को
हस्तिनपुर राज्यसभा में बालों से पकड़ कर लाया था। कुरुक्षेत्र युद्ध में भीम ने
दुःशासन की छाती का रक्त पिया था।
एकलव्य : द्रोण का एक महान शिष्य जिससे
गुरुदक्षिणा में द्रोण ने उसका अंगूठा मांगा था।
गांडीव : अर्जुन का धनुष। [जो, कई मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव से इंद्र और उसके बाद अग्नि
देव अंत में अग्नि-देव ने अर्जुन को दिया था।]
गांधारी : गंधार के राजा की पुत्री और धृतराष्ट्र
की पत्नी।
जयद्रथ : सिन्धु के राजा और धृतराष्ट्र के दामाद।
कुरुक्षेत्र युद्ध में अर्जुन ने जयद्रथ का शीश काट कर वध किया था।
कर्ण : सूर्यदेव एवमं कुन्ती के पुत्र और
पाण्डवों के सबसे बड़े भाई। कर्ण को दानवीर-कर्ण के नाम से भी जाना जाता है। कर्ण
कवच एवं कुंडल पहने हुए पैदा हुये थे और उनका दान इंद्र को किया था।
कृपाचार्य : हस्तिनापुर के ब्राह्मण गुरु। इनकी बहिन
'कृपि'
का विवाह द्रोण से हुआ था।
कृष्ण : देवकी की आठवीं सन्तान जिसने अपने मामा
कंस का वध किया था। भगवान कृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र युध के प्रारम्भ में
गीता उपदेश दिया था। श्री कृष्ण, भगवान विष्णु के आठवें अवतार थे।
कुरुक्षेत्र : वह क्षेत्र जहाँ महाभारत का महान युद्ध
हुआ था। यह क्षेत्र आज के भारत में हरियाणा में स्थित है।
पाण्डव : पाण्डु की कुन्ती और माद्री से सन्ताने।
यह पांच भाई थे: युद्धिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव।
परशुराम : अर्थात् परशु वाले राम। वे द्रोण, भीष्म और कर्ण जैसे महारथियों के गुरु
थे। वे भगवान विष्णु का षष्ठम अवतार थे।
शल्य : नकुल और सहदेव की माता माद्री के भाई।
उत्तरा : राजा विराट की पुत्री। अभिमन्यु कि
धर्म्पत्नी।
महर्षि
व्यास : महाभारत महाकाव्य के लेखक। पाराशर और सत्यवती के पुत्र। इन्हें कृष्ण
द्वैपायन के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वे कृष्णवर्ण के थे तथा उनका जन्म एक
द्वीप में हुआ था।
बलराम : देवकी की सातवीं संतान और शेषनाग के अवतार थे। मान्यता है कि इन्हें नंद
की दूसरी पत्नी रोहिणी ने कंस से बचने के लिए देवकी गर्भ से बलराम को धारण किया
था।
सुभद्रा : यह महारथी अर्जुन की पत्नी एवं भगवान
कृष्ण तथा बलराम की बहन थी।
रुक्मिणी : कृष्णा की पत्नी
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