भगवान शिव के 63 महान भक्त-
ब्रह्माण्ड के सबसे शांत एवं सबसे रौद्र रूप के
दर्शन किसी एक शक्ति में करने के परिपेक्ष में भगवान शिव अर्थात भोले-शंकर सबसे
आदर्श प्रमाण माने जाते हैं। शिव का एक नाम भोला है, अर्थात उन्हें बेहद मासूम एवं कोमल हृदय का ईश्वर
माना जाता है। उदाहरण के तौर पर वे बेहद जल्दी (सभी देवताओं की तुलना में सबसे
शीघ्र) प्रसन्न हो जाते हैं, और बिना अधिक सोचे-विचारे मनचाहा वरदान दे-देते हैं, जैसा की उन्होंने भस्मासुर के संदर्भ में किया
था। वही दूसरे संदर्भ में शिव को विनाशक "विनाश का देवता" भी माना जाता
है। अपने भोले और मासूम प्रकृति के विपरीत विनाश के देवता अर्थात विध्वंशक के तौर
पर शिव के भीतर पूरे ब्रह्माण्ड को क्षण भर में धूमिल करने की क्षमता है। जैसा की
उन्होंने माता सती के वियोग में किया भी है। शिव की इसी बहुरूपी (अनेक रूपों वाली) प्रकृति और आलौकिकता ने युगो-युगों से मनुष्यों, को भक्तों के रूप में अपने प्रति आकर्षित किया
है। तीसरी से 8वीं
शताब्दी CE के दौरान तमिलनाडु में रहने वाले 63 संतों (शिव उपासकों) के एक समूह को नयनार के नाम
से जाना जाता है। इन सभी संतों का चरित्र शेक्किषार नामक भक्तकवि के पेरिय पु राण में वर्णित
है। इन संतों का जीवन तेलुगु में 'शिवभक्त चरितमु' के नाम से प्रकाशित किया गया है। नयनार की सूची में
सर्वप्रथम सुंदरार (सुंदरमूर्ति) द्वारा उनकी कविता तिरुथोंडा थोगई में संकलित की
गई थी। उन्होंने ग्यारह छंदों में, कराईक्कल अम्मैयार तक नयनार संतों के नाम गाए। सभी नयनार
विभिन्न पृष्ठभूमियों से सम्बंध रखते थे, जिनमें चन्नार, वन्नियार, वेल्लालस, इदयार, कुरुम्बर, थेवर, तेल बेचने वाले, ब्राह्मण, धोबी, हरिजन आदि शामिल थे। उन्हें प्रमुख तौर पर दक्षिण भारत के
महत्त्वपूर्ण हिंदू संतों के रूप में माना जाता है। इन सभी ने छठी, सातवीं और आठवीं शताब्दी सीई के दौरान पूरे
तमिलनाडु में शैववाद का प्रसार किया। उन्होंने देशी तमिल भाषा में भगवान की स्तुति
में आत्मा-उत्तेजक भजनों की रचना की, और उन्हें सभी सामाजिक स्तर के लोगों के बीच फैलाया।
63 नयनारों की सूची
को नीचे क्रमशः दिया गया है:
1. अनय
नयनार2.
आदिपत्त
नयनार3.
अय्यडिगल्
कडवर्कान् नयनार4.
अमरनीदि
नयनार्5.
अप्पुदि
अडिगळ्6.
अरिवट्टय
नयनार7.
चंडीश्वर
नयनार8.
दंडियदिगळ्
नयनार9.
ऎनटिनाथ
नयनार10.
ऎरिपात्त
नयनार11.
अय्यर्कान्
कालिक्काम नयनार12.
गणनाथ
नयनार13.
इडन्
गाजि नयनार14.
इलयान्
कुडिमारनायनारु15.
इयर्
पगै नयनार16.
कलिकांब
नयनार17.
कालिय
नयनार18.
कानम
पुल्ल नयनार19.
कन्नप्प
नायनारु20.
करैक्कल्
अम्मय्यारु (कारक्काल् अम्म)21.
कज् हार् सिंग नयनार22.
कझरित्ररिवार् (चेरमान् पॆरुमाळ् नयनार)23.
कोचॆन् गाट् चोळ नयनार24.
कूत्रुव नयनार25.
कोट्पुलि नयनार26.
कुलाचिरायि नयनार27.
मनकंचार नयनारगुग्गुलु कलश नयनार28.
मंगयार् करशियार्29.
मॆय् पॊरुल् नयनार30.
मूर्ख नयनार31.
मूर्ति नयनार32.
मुनैयडुवारु33.
मुरुग नयनार34.
नामिनंदि अडिगळ्35.
नरसिंग मुनियारय्यरु36.
नेश नयनार37.
निन्राऋषि नॆडुमर नयनार38.
पॆरुमिजहलायि नयनार39.
पूसलार् नयनार40.
पूगल् चोळ नयनार41.
पूगज् तुनायि नयनार42.
सक्किय नयनार43.
सदय नायनारु44.
सत्ति नयनार45.
शेरुतुनायि नयनार46.
शिरप्पुलि नयनार47.
शिरुतॊंड नयनार48.
सोमशिर नयनार49.
सुंदर्राम्मूर्ति50.
तिरुज्ञान सम्बंधारु51.
तिरुकुरिप्पु तॊंडनयनार52.
तिरुमूल नयनार53.
तिरुनालै पोवार् नयनार (नंदनार)54.
तिरुनवुक्करसारु नयनार55.
तिरुनीलकंठ नयनार56.
तिरुनीलकंठ याज् पनार् नयनार57.
तिरुनीलनक्कार् नयनार58.
रुद्रपशुपति नयनार59.
वायिलारु नयनार60.
विराल् मिंड नयनार61.
इयर् कान् कलिकाम नयनार62.
करि नयनार63.
इसै ज्ञाननियार
नयनार की सूची में 3 महिलायें भी शामिल हैं।
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