Friday, June 16, 2023

संस्कृत में एकता

संस्कृत और एकता 
भाषा वह माध्यम है जो विचारों और भावनाओं और संस्कृति का वह बल है जो हम सब को एकसूत्रता में बांध लेती है । भारतीय संस्कृति की नींव “संस्कृत” में है । 

“एकता” कृति में चरितार्थ होती है,  जितने स्पष्ट विचार, उतनी सम्यक् कृति  “एकता” । 

संस्कृत केवल एक मात्र भाषा नहीं है अपितु संस्कृत एक विचार है। संस्कृत एक संस्कृति है, संस्कृत एक संस्कार है संस्कृत में विश्व का कल्याण है, शांति है, सहयोग है, वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना है।  

आइये सुसंस्कृत बनें ! और उस अंतर को मिटा दें जो प्रांत, वर्ग, वर्ण, भाषा, संप्रदाय और वित्त इत्यादि ने व्यक्ति-व्यक्ति के बीच एक दीवार बना दी है। समान भाव हो सबके प्रति।।
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