Thursday, August 10, 2023

अज्ञान क्या है?- माया,अविद्या, अज्ञान अध्यास,विवर्त आदि

अज्ञान क्या है?- माया,अविद्या, अज्ञान अध्यास,विवर्त आदि शब्दो का प्रयोग वेदान्त में पर्यायवाची के रूप में हुआ है।वेदांत वेदांतदर्शन में ब्रह्म को ही जगत की उत्पत्ति ,स्थिति और प्रलय का कारण माना गया है। जन्म के अतिरिक्त इस संसार में कुछ भी नहीं है "सर्व खल्विदं ब्रह्म,नेह नानास्ति किञ्चन " अर्थात इस जगत में ब्रह्म के अतिरिक्त किसी की भी वास्तविक सत्ता नहीं है जीव और जगत दोनों माया अर्थात अज्ञान के कारण हमें वास्तविक प्रतीत होते हैं जिस प्रकार रज्जु को(रस्सी)अज्ञानवश हम सर्प समझ लेते हैं लेकिन जब हमें दीपक के प्रकाश से "यह तो रज्जु(रस्सी)है सर्प नहीं है"इस प्रकार का बोध होता है। उसी प्रकार अविद्या, माया के कारण जीव जगत को सत्य समझने लगता है। लेकिन जब यह माया रूपी पर्दा हमारी आँखो से हट जाता है तो मनुष्य को आत्म स्वरूप का ज्ञान होता है। माया या अज्ञान की शक्तियाँ 1आवरण शक्ति 2विक्षेप शक्ति अज्ञान की आवरणशक्ति हमारे ज्ञान को ढक लेती है विक्षेप शक्ति के कारण हमें वास्तविक वस्तु के स्थान पर अवास्तविक वस्तु की प्रतीति होती है।

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