मुद्राराक्षस– विशाखदत्त-कृत यह नाटक यद्यपि कल्पना का आश्रय लेता हुआ अपनी साहित्यिकता की पूर्णता को प्राप्त करता है, पर चन्द्रगुप्त मौर्य, उसके मंत्री चाणक्य तथा कुछ तत्कालीन राजाओं का उल्लेख करके यह इतिहास को सुलझाने में बहुत कुछ योग देता है। संस्कृत साहित्य का यह प्रथम जासूसी नाटक है।
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