(पद्मपुराण उत्तर0 112/26)
*प्रजाभ्यः पुण्यपापानां राजा षश्ठांशमुद्धरेत्।*
*शिष्याद् गुरुः स्त्रियो भर्त्ता पिता पुत्रात्तथैव च।।* (पद्मपुराण उत्तर0 112/26)
राजा प्रजा के, गुरु शिष्य के , पति पत्नी के तथा पिता पुत्र के पुण्य -पाप का छठा अंश प्राप्त कर लेता है । अतः पाप कर्म से बचना चाहिए । मंगलमय सुप्रभात आनन्द दायी हो जय श्री कृष्ण...
*प्रजाभ्यः पुण्यपापानां राजा षश्ठांशमुद्धरेत्।*
*शिष्याद् गुरुः स्त्रियो भर्त्ता पिता पुत्रात्तथैव च।।* (पद्मपुराण उत्तर0 112/26)
राजा प्रजा के, गुरु शिष्य के , पति पत्नी के तथा पिता पुत्र के पुण्य -पाप का छठा अंश प्राप्त कर लेता है । अतः पाप कर्म से बचना चाहिए । मंगलमय सुप्रभात आनन्द दायी हो जय श्री कृष्ण...
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