Friday, April 14, 2017

- व्यावहारिक संस्कृत शब्दावली

ॐहरिॐ
- व्यावहारिक संस्कृत शब्दावली -

  खराब मनुष्य - दुर्जन: / खलः / कापुरूष:

परस्त्री के साथ संबंध रखनेवाला – पारदारिक

आगे रहनेवाला – पुरश्चर: / अग्रेसर: / पुरोग: / पुरोगमः / नायक: / नेतृ / पुरोगामीन्

शिष्य का शिष्य - प्रशिष्य

दारू नशाखोर - मद्यपः

व्यभिचारी पुरुष – लम्पट: / लुब्धकः

परदेशी - वैदेशिक:

नया छात्र – शैक्षः

कदर करनेवाला - रसज्ञ: / सहृदय:

आग बुझानेवाला - अग्निशामक:

स्टेनोग्राफर – आशुलिपिक:

फासी देनेवाला - वधकः

इलाका = क्षेत्रम् / विस्तार:

इकाई – घटक:

अजब - विचित्रम्

मरनेवाला - मरणासन्न:

मरम्मत – समीकरणम्

जंजाल – व्यामोह:

मरीज – रोगी

बापदादा - पूर्वजा:

बालिग - वयस्क:

नाबालिग – किशोरावस्था

दिक्कत - काठिन्यम्

कुर्बानी - त्याग

कुली – भारिक:

कैदी - बंधक:
डॉ संध्या ठाकुर

                ।। संस्कृत - हिन्दी शब्दकोश: ।।

एतदीयः - इसका,
 तदीयः - उसका,
यदीयः - जिसका,
 परकीयः (अन्यदीयः) - दूसरे का,
 आत्मीयः (स्वकीयः, स्वीयः) - अपना।

महत् - महान्,
यावत् - जितना
 तावत् - उतना,
 कियत् - कितना,
एतावत् (इयत्) - इतना।

तत्र - वहाँ,
अत्र - यहाँ,
 कुत्र - कहाँ,
 यत्र - जहाँ,
कुत्रापि - कहीं भी,
अन्यत्र - दूसरे स्थान पर,
 सर्वत्र - सब स्थानों पर,
उभयत्र - दोनों स्थानों पर,
 अत्रैव - यहीं पर
तत्रैव - वहीं पर,
यत्र-कुत्रापि - जहाँ­ कहीं भी,

इतः - यहाँ से,
 ततः - वहाँ से,
 कुतः - कहाँ से,
 कुतश्चित् - कहीं से,
यतः - जहाँ से,
 इतस्ततः - इधर-उधर,
सर्वतः - सब ओर से,
 उभयतः - दोनों ओर से,

उपरि - ऊपर,
अधः - नीचे,
अग्रे, (पुरः, पुरस्तात्) - आगे,
पश्चात् - पीछे,
बहिः - बाहर,
 अन्तः - भीतर
उपरि-अधः - ऊपर-नीचे,

इदानीम् (सम्प्रति, अधुना) - अब / इस समय,
 तदा / तदानीम् - तब / उस समय,
कदा - कब
यदा - जब,
 सदा (सर्वदा) - हमेशा,
एकदा - एक समय
कदाचित् - कभी,
 क्व - कब
 क्वापि - कभी भी,
सद्यः - तत्काल (अतिशीघ्र)
 पुनः - फिर
 अद्य - आज
 अद्यैव - आज ही,
अद्यापि - आज भी,

श्वः - आने वाला कल
 ह्यः - बीता हुआ कल,
 परश्वः - आने वाला परसों
 परह्य: - बीता हुआ परसों
 प्रपरश्वः - आने वाला नरसों
प्रपरह्य: - बीता हुआ नरसों,

शीघ्रम् - जल्दी,
शनैः शनैः - धीरे-धीरे,
 पुनः पुनः - बार-बार,
 युगपत् - एक ही समय में,
सकृत् - एक बार
असकृत् - अनेक बार,
अनन्तरम् - इसके बाद,
कियत् कालम् - कब तक,
एतावत् कालम् - अब तक,
 तावत् कालम् - तब तक,
 यावत् कालम् - जब तक,
अद्यावधि - आज तक,

कथम् - कैसे / किस प्रकार
 इत्थम् - ऐसे / इस प्रकार,
यथा - जैसे,
 तथा - वैसे / उस प्रकार,
सर्वथा - सब तरह से,
अन्यथा - नहीं तो / अन्य प्रकार से,
 कथञ्चित्, कथमपि - किसी भी प्रकार से,
 यथा यथा - जैसे-जैसे,
 तथा-तथा - वैसे-वैसे,
यथा-कथञ्चित् - जिस किसी प्रकार से,
 तथैव - उसी प्रकार,
बहुधा / प्रायः - अक्सर।

स्वयम् - खुद,
 वस्तुतः - असल में,
कदाचित् (सम्भवतः) - शायद
, सम्यक् - अच्छी तरह,
सहसा (अकस्मात्) - अचानक,
वृथा - व्यर्थ,
समक्षम् (प्रत्यक्षम्) - सामने­
, मन्दम् - धीरे,
 च - और,
 अपि - भी
, वा / अथवा - या
, किम् - क्या,
प्रत्युत (अपितु) - बल्कि,
 यतः - चूँकि,
यत् - कि,
यदि - अगर,
तथापि - तो भी / फिर भी,

हि - क्योंकि,
 विना - बिना,
ऋते - सिवाय / के बिना,
कृते - के लिए / वास्त
सह - साथ,
 प्रभृति - से लेकर,
पर्यन्तम् - तक, (यहाँ से यहाँ तक),
ईषत् - थोडा,

न - नहीं,
मा - मत,
अलम् - बस,
 आम् - हाँ,
बाढम् - बहुत अच्छा,
 अथ किम् - और क्या ॥॥

जयतु संस्कृतम् ॥

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इन हिंदी कहावतों के स्थान पर संस्कृत की सूक्ति बोलें।

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